NPS बनाम UPS की तुलना कैलकुलेटर– कोष, मूल वेतन, एकमुश्त राशि, ASPs और वार्षिकी योजनाओं पर आधारित

NPS vs UPS Comparison Calculator

 

 

 

NPS बनाम UPS की तुलना कैलकुलेटर– कोष, मूल वेतन, एकमुश्त राशि, ASPs और वार्षिकी योजनाओं पर आधारित

 

NPS बनाम UPS की तुलना कैलकुलेटर, एक आसान टूल है जो कि पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा जारी UPS/NPS से संबंधित अधिसूचनाओं एवं आपके इनपुट जैसे जन्म तिथि, सेवा नियुक्ति की तिथि,, तत्कालीन बेसिक पे, अग्रिम वेतन वृद्धि की तिथि और पुराना पेंशन कोष इत्यादि के आधार पर न्यू पेंशन स्कीम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की तुलना की गई है । ताकि आप अच्छी तरह समझ सके की आपके लिए कौन सी योजना उपयुक्त और बेहतर है। सही योजना चुनने से आपका रिटायरमेंट जीवन सुरक्षित और लाभकारी हो सकता है।

 

 

कोई भी पेंशन योजना, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने से पहले, आपके लिए यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि प्रत्येक योजना के लाभ और जोखिम क्या क्‍या हैं। मैंने अपने अनुभव तथा कुछ विश्‍वसनीय बेवसाइट  पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण तथा www.npstrust.org.in के आधार पर नीचे कुछ कारक दिए गए है जो कि आपको बेहतर पेंशन योजना को समझने में मदद कर सकता है ।

 

1. बाजार के जोखिम :

• यदि आप बाजार के जोखिम ले सकते हैं और वार्षिकी चुनने में सहज हैं, तो एनपीएस बेहतर हो सकता है ।  NPS में आपका कोष इक्विटी और डेट फंड में निवेश किया जाता है, जिसके कारण उच्च रिटर्न दे सकता है।

 

• लेकिन यूपीएस बाजार के जोखिम से बचने वालों के लिए बेहतर है जो कि गारंटीकृत पेंशन चाहते हैं। यह योजना सरकार के समर्थन के कारण बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित है ।

 

2. पेंशन एवं पारिवारिक आवश्यकताएं:

स्वयं को पेंशन, उसके बाद पति/पत्नी को पेंशन एवं अंत में वार्षिकी खरीद राशि (Return of Purchase Price) अपने नॉमिनी को वापिस चाहते है तो आपके लिए एनपीएस बेहतर हो सकता है । लेकिन अगर इस प्रकार के वार्षिकी योजना चुनते है तो  पेंशन की राशि कम हो सकती है जो कि भिन्‍न Annuity Service Providers पर निर्भर करेगा । 

यह भी पढ़े : What are the annuity options under New Pension Scheme 

 

उदाहरण के लिए :

 

एक 60 वर्षीय कर्मचारी श्री कपिल  ने ₹10 लाख कोष का आजीवन वार्षिकी, 100% जीवनसाथी(ROP) वार्षिकी योजना, LIC से खरीदता है तो  श्री कपिल को  ₹4,500  की आजीवन पेंशन दी जा सकती है तथा उसके मृत्‍यु  के बाद उसकी जीवनसाथी को भी ₹4,500  देय होगा । इसके बाद इनकी मृत्‍यु के बाद नामित व्‍यक्ति को  ₹10 लाख वापस किया जा सकता है ।  ध्‍याान दें यहां पर Annuity Base Rate 6%  तथा ASP तथा वार्षिकी योजना के आधार पर वार्षिकी रेट घटकर 5.40% किया गया है ।

 

• जबकि यूपीएस में कर्मचारी को निश्चित सूत्र द्वारा मासिक पेंशन दी जाती है एवं कर्मचारी की मृत्यु के बाद पति/पत्नी को उस समय प्राप्त पेंशन का 60% (महंगाई भत्ता सहित) निश्चित पारिवारिक पेंशन प्रदान करता है जो कि आपके परिवार के लिए स्थिर आय सुनिश्चित करता है।  विवरण के साथ अपना मासिक पेंशन गणना करने के लिए हमारे  UPS Monthly Pension Calculator के लिए लिंक पर जाएं या NPS Trust Calculator https://npscra.nsdl.co.in/calculator.php पर भी जा कर चेक कर सकते हैं ।

मासिक पेंशन का सूत्र : 

स्वीकृत भुगतान = सुनिश्चित भुगतान × (व्यक्तिगत कॉर्पस (IC)/ बेंचमार्क कॉर्पस (BC)) × (1 – अंतिम निकासी (FW)%) + मंहगाई भत्‍ता

 

3. पेंशन में परिवर्तनशीलता: 

NPS में वार्षिकी दरों और बाजार के उतार-चढ़ाव या ASPs (जैसे LIC, HDFC Life) के दरों पर निर्भर होता है, जो कि अपेक्षा से कम पेंशन हो सकता हैं । आप  PFRDA Annuity Guide  एवं  Annuity Rates के लिए  https://www.pfrda.org.in/ के लिंक पर जा सकते हैं ।

 

• जबकि यूपीएस में इन दरों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि छमाही महंगाई भत्ता वद्धि के साथ पेंशन बढ़ता है । ध्यान दें कि UPS में पेंशन की गणना आपके अंतिम 12 माह का औसत वेतन और सेवा अवधि पर आधारित होती है, जो कि स्थिरता प्रदान करती है। लेकिन जब आप सेवानिवृत्ति पर 60 प्रतिशत  कॉर्पस राशि निकालने का विकल्‍प चुनते हैं तो पेंशन समानुपातिक कम हो जाती  है । इसके  अलावा आपके अर्हक सेवा 25 वर्ष से कम होने पर भी पेंशन पर प्रभाव पड़ता है ।

 

उदाहरण :
रेल कर्मचारी विकास जिसकी सेवानिवृत्ति पर 12 माह के औसत मूल वेतन = 45,000 रुपये, Individual Corpus = 50, 00,000 रुपये,  Benchmark Corpus = 50, 00,000 रुपये, कुल सेवा अवधि = 25 वर्ष (300 महीने), महंगाई भत्‍ता : 50%, है तो विकास के सुनिश्‍चि भुगतान : 45,000/2*300/300 = 22,500 रुपये प्रतिमाह देय होगा लेकिन यदि उसने अंतिम निकासी का विकल्‍प : 60 प्रतिशत चुना है तो

स्वीकृत भुगतान = 22,500*(50,00,000/50,00,000)*(1-60%) + DA
= 22,500*0.4+4500 = 13,500 रुपये प्रतिमाह देय होगा 

 

4. सेवानिवृति राशि :

एनपीएस के तहत कॉर्पस का अधिकतम 60% तक राशि सेवा निवृत्ति पर निकाल सकते है । निकाली गई यह राशि आयकर से मुक्त होता है ।

 

• जबकि यूपीएस में भी सेवा निवृत्ति पर Individual Corpus or Benchmark corpus जो भी कम हो का अधिकतम 60% तक राशि निकाल सकते है लेकिन पेंशन उसी अनुपात में कम हो जाती है । निकाली गई यह राशि आयकर से मुक्त है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है ।

 

5. एकमुश्त लाभ:

एनपीएस में एकमुश्त राशि नहीं दी जाती है जबकि यूपीएस में एकमुश्‍त राशि जो कि एक निश्चित सूत्र द्वारा दी जाती है जो कि सेवानिवृत्ति निधि को बढ़ाता है।

 

सूत्र = (1/10) × (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) × L (L = सेवा के छह माह की संख्या)

 

उदाहरण के लिए – यदि किसी सेवानिवृत्तम कर्मचारी की अंतिम कुल वेतन (Basic Pay + DA) ₹ 75,000 तथा कुल सेवा छमाही अवधि 50 है तो एकमुश्त राशि = (75,000/10)*50 = ₹ 3,75,000 की एकमुश्‍त राशि मिलेगी । Lumpsum Amount की गणना करने के लिए Calculator पर जा सकते हैं ।

 

 

6. शेष कॉर्पस राशि :

एनपीएस में कोष का 40%, वार्षिकी खरीद के लिए उपयोग किया जाता है एवं वार्षिकी योजना के अनुसार खरीदी गई वार्षिकी की राशि अर्थात शेष कॉर्पस को वापस किया जा सकता है।

 

उदहारण के लिए एनपीएस की जॉइंट लाइफ वार्षिकी योजना के तहत सब्सरक्राइबर को पूरे जीवन तक पेंशन एवं उसके मृत्यु के बाद पति/पत्नी के लिए 50 या 100 प्रतिशन पूरे जीवन तक पेंशन देती है तथा उसके क्रय एन्युणटी राशि को नॉमिनी को वापस कर दी जाती है । वार्षिकी के बारे में उदहारण सहित पढ़ने के लिए लिंक पर जाएं या PFRDA के बेवसाइट www.pfrda.org.in पर जाकर पढ़ सकते हैं ।

 

जबकि यूपीएस में भी कोष का कम से कम 40%, पेंशन में योगदान देता है लेकिन वार्षिकीकरण अनिवार्य नहीं है । इसके अलावा शेष कोष की राशि वापस करने के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है यदि आपके पास हो तो कृपया कॉमेंट कर बता सकते हैं ।

 

निष्कर्ष क्‍या निकला : 
उपरोक्‍त कारकों के आधार पर एनपीएस ज्यादा कोष और कई वार्षिकी योजना का विकल्प देता है, जो उन लोगों के लिए अच्छा है जो बड़ा कोष और पति/पत्नी की पेंशन तथा कॉर्पस की शेष राशि की वापसी चाहते हैं। लेकिन ध्यान दे इसमें बाजार का जोखिम है।

 

 

 

दूसरी ओर, यूपीएस निश्चित मासिक पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन जो कि स्थिरता चाहने वालों के लिए बेहतर है। लेकिन इसमें बाजार का कोई भी जोखिम नहीं है । इसके अलावा, UPS में पेंशन पर महंगाई भत्ता वृद्धि इसे मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षित बनाती है।

 

 

 

अत: अपनी जरूरतों, बाजार की जोखिम की सहनशीलता या निश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और शेष कॉर्पस राशि की वापसी के आधार पर NPS या UPS सही योजना चुनें । अधिक जानकारी के लिए, PFRDA की आधिकारिक वेबसाइट www.pfrda.org.in या NPS ट्रस्ट www.npstrust.org.in पर जाएं। या किसी वित्‍तीय सलाहकार से परामर्श करें ।

 

अस्वीकरण: साथ में यह भी बताना आवश्‍यक हो जाता है कि यह website : npsvsupscalculator.com एक वित्तीय सलाहकार या कोई वित्तीत संस्था नहीं है;  कृपया किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करें।

 

विशेष आग्रह : यदि इस NPS vs UPS Comparison Calculator में कोई कमी हो या कहीं पर गणना करने में गलती हो या किसी प्रकार के शंका को दूर करना हो तो अपना कीमती समय देकर Comment या हमसे Contact Form द्वारा संपर्क कर सकते हैं ।